शार्टकट कट शार्ट्स लाइफ
जन्माष्टमी की मंगलकामनाएं एवं बधाई
अनुराधा बाली (फिजा) ,गीतिका ,भंवरी देवी,मधुमिता शुक्ल ,नैना साहनी,शहला मसूद , अनेक फिल्म अभिनेत्रियां,माडल्स,खिलाड़ी और ऐसी ही अन्य अनाम परिचित या अपरिचित युवतियां जिनको हत्या,आत्महत्या का शिकार बनना पड़ता है, गंभीर यौन रोगों से ग्रस्त होकर नारकीय पीडाएं झेलनी पड़ती हैं,या फिर वेश्यावृत्ति और उसका वर्तमान स्वरूप कालगर्ल आदि अनैतिक कार्यों में सदा के सदा के लिए अपने जीवन को होम करना पड़ता है का ये जीवन क्रम सदा ही चलता आ रहा है और शायद ही कभी समाप्त हो सकेगा.नारी का रूप स्वयं उसका शत्रु बना हो या उसकी महत्वाकांक्षाएं ………….मुक्ति तो कभी नहीं मिली.यदि कारण पर विचार करें तो…………………
प्राय किसी भी राह पर अग्रसर होते समय दो विकल्प व्यक्ति के समक्ष ,सीधा रास्ता,और शार्टकट अर्थात छोटा या खतरों से पूर्ण.शारीरिक सामर्थ्य के अनुसार प्राय शीघ्र पहुँचने की इच्छा से शार्टकट ही अपनाया जाता है. वैष्णो देवी की यात्रा पर जाते समय एक बार (बहुत पुरानी घटना है )एक परिवार की युवा पीढ़ी ने शार्टकट से भैरव देव पर जाने का निर्णय हठपूर्वक लिया और दुर्भाग्य से पैर फिसलने के कारण उनमें से एक प्राणघातक गंभीर चोट लगने से घायल रहा लंबे समय तक.ऐसी घटनाएँ प्राय होती हैं और सब परिचित भी होते हैं परिणामों से परन्तु शार्टकट अपनाना कोई छोड़ता नहीं.उपरोक्त समस्त प्रयास तो जोश ,उत्साह तथा उमंग आदि का परिणाम होते हैं परन्तु …………………….जब जान बूझकर अग्नि कुंड में छलांग लगाई जाय ,ये जानते हुए भी कि एक से बढ़कर एक भयंकर परिणाम झेलने पड़ सकते हैं ,और परिणाम भी स्वयं को ही झेलने हैं,दूसरे पक्ष का कुछ भी बाल बांका नहीं होने वाला और वो भी साधन सम्पन्न लोगों का,जो अपने साधनों के दम पर एक दम साफ़ बच जाते हैं.(अपवाद स्वरूप कुछ केसेज को छोड़कर)
प्राय इन समस्त घटनाओं के पश्चात विरोध का स्वर बुलंद करने पर क्या उपलब्ध होता है,सिवा बदनाम चर्चा के ? ऐसा नहीं कि शार्टकट का उपयोग केवल महिलाएं करती हैं,करते तो पुरुष भी हैं भुगतना उनको भी पड़ता है परन्तु ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण विडंबनाओं का शिकार सदा नारी को ही पड़ता है
जीवन यात्रा के विभिन्न पड़ावों पर भी चाहे वो शिक्षा हो,नौकरी ,व्यवसाय ,पदोन्नति,खेलकूद,या कोई भी अन्य करियर विषयक विकल्प या फिर स्वास्थ्य विषयक समस्याएं सभी क्षेत्रों में शार्टकट अपनाना आज एक फैशन बन चुका है.भागमभाग, आपा धापी के कारण आज सभी आगे आने की दौड़ में सम्मिलित हैं चाहे इस प्रयास में भ्रष्टतम उपायों का सहारा लेना पड़े ,जान जोखिम में डालनी पड़े, उद्देश्य ………………बस रातों रात बुलंदियां छू लें,चर्चित हो जाएँ .
परीक्षा में सफलता परिश्रम से मिल तो सकती है,परन्तु अपेक्षित समय तो लगेगा ही,नक़ल अथवा अन्य नम्बर दो के उपाय अपनाकर हींग लगी न फिटकरी. खेल को करियर बनाने वाले खिलाड़ी शीर्ष पर पहुँचने के लिए अनेक अनैतिक उपायों को तो अपनाते ही हैं, ये जानते हुए भी कि स्टेरॉयड आदि लेकर वो अपने शरीर को तो पंगु बना सकते हैं ,यहाँ तक कि जीवन से भी हाथ धोना पड़ सकता है,का सेवन करते है,भले ही प्रतिबंधित होना पड़े बाद में .
हमारे सत्ताधीश ,डाक्टर्स ,अधिवक्ता ,शिक्षक ,सरकारी अधिकारी -कर्मचारी अपने अपने क्षेत्र में और स्वयं हम हर पल शार्टकट की तलाश में रहते हैं.और भ्रष्टाचार को बढ़ावा देते हैं.
ये शार्टकट बस मानवीय असीम महत्वाकांक्षाओं को पूर्ण करने का छोटा व जटिल मार्ग है, जिस पर चलते हुए कोई बिना किसी आपदा का शिकार हुए ही अपने बड़े बड़े स्वप्नों को पूर्ण कर लेता है,और कुछ का अंत वही होता है न घर और न घाट.इन स्वप्नों या महत्वाकांक्षाओं को पूर्ण करने के प्रयास में यह सत्य कोई स्वीकार नहीं कर पाता कि अपने जिस जीवन को सुखी बनाने के लिए,क्षणिक वैभव के लिए स्वयम को,परिवार तथा अपने जीवन को ही दाँव पर लगा रहे हैं जब वही नहीं रहा तो इन सबका क्या उपयोग.
उपरोक्त रहस्य को समझे बिना इन विडंबनाओं से मुक्ति कभी नहीं मिल सकती
(अपवाद सर्वत्र होते हैं )
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