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नेता मेरे देश के

chandravilla
chandravilla
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जहाँ डाल डाल पर सोने की चिडियाँ करती हैं बसेरा गीत सभी के हृदयों में अपने देश के गौरवपूर्ण अतीत के प्रति एक अनिवर्चनीय आनंद का अनुभव करता है. साहित्य,संगीत,कला,ज्ञान विज्ञान,तकनीक धन धान्य व्यापार सभी क्षेत्रों में अग्रणी भारत देश अपने कुछ स्वार्थी लोगों ,अपनी दुर्बलताओं के कारण इतने लंबे समय तक पराधीन रहा,,इस तथ्य से सभी परिचित हैं,परन्तु हमारे नेतागण कोई शिक्षा ग्रहण करने को तैयार नहीं .उनके सिद्धांत ,क्रिया कलाप देश हित के लिए क्षुद्र स्वार्थों पर आधारित होते हैं.वर्तमान घटना क्रम जिसमें सुश्री मायावती और मुलायम सिंह एक और तो एफ डी आई का विरोध करने का नाटक करते रहे ,वहीँ अंतिम समय में उन्होंने  अपने अपने स्वार्थों के वशीभूत हो कर वाक् आऊट कर अपने दोहरे चरित्र और स्वार्थपूर्ण चरित्र का परिचय दिया.इसी स्थिति से क्षुब्ध हो कर लिखी गई रचना,

धोखा देना ही तो   फितरत  है इनकी.

देश को लूटना  बनी बस आदत इनकी.

जिस देश में जन्मलेते और मरते हैं,

अन्न जल वायुसे जिसकी जीतेहैं.

कर्जा क्या चुकायेंगें माटी का अपनी,

उसीका रोम रोम कर्ज से विंधवाते हैं,

दिखाते तेवर झूठे ये  रुतबा बढ़ाते हैं,

और फिर गद्दार खुले आम बिक जाते हैं

काले धन से निज बैलेंस बढाए जाते हैं.

देखो इन कालिदासों को जिस डाल पर

बैठे उसी को काट कर जश्न मनाते हैं.

स्वामी से दास बनने का सफर भुलाते हैं.

स्व  मिटेगा इनका भी नहीं समझ पाते हैं.

कितने  भ्रष्ट हो गए  नेता  भारत देश के,

लूट को धर्म मान आत्म मुग्ध हुए जाते हैं

indian_politics

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