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दुर्गा शक्ति जी ऐसी गलती कैसे कर दी आपने?

chandravilla
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अरे रे ……..  दुर्गा शक्ति नागपाल जी  इतनी बड़ी गलती ! क्यों करी  आपने ?  आप शायद अपनी देश और संविधान के प्रति शपथ  का निर्वाह करने की धुन में  ये भूल गईं कि  अब हमारे देश-प्रदेश में ईमानदारी  और कर्तव्य पारायण अधिकारियों ,कर्मचारियों की नहीं, केवल उनकी कद्र है जो स्वयम भ्रष्ट उपायों का आश्रय लेकर देश को लूट रहे हैं. संविधान के प्रति शपथ का खुले आम मखौल उड़ाना और ,देश की नहीं सत्ताधारियों की चिंता करना ही जिनका धर्म है और जो    सत्ताधीशों की मंशा “बांटो और राज करो” को पूर्ण करने में उनके सहायक हैं.

खनन माफिया की आँखों की किरकिरी बनी हुई थी आप,आखिर आपने एक ओर  तो प्रदेश  सरकार की कमाई का एक साधन ही  कम करा दिया, क्योंकि अपनी पहली ही पोस्टिंग के समय आप पिछले दिनों से ग्रेटर नोएडा में हिंडन और यमुना नदी में अवैध रेत खनन रोकने के लिए दीवार बनीं हुई थीं, आपने उन माफियाओं के विरुद्ध  मोर्चा खोला था   जिनके दम पर सरकारें सत्ता में आती हैं और सरकारों की आने वाली पीढ़ियाँ भी तर जाती हैं. अभी कुछ दिन पूर्व ही तो आपने  अवैध खनन के आरोप में 15 लोगो को सलाखों के पीछे पहुंचाने की जुर्रत की थी और फिर  22 लोगों के खिलाफ सीजेएम के यहां गिरफ्तारी वारंट जारी करवा दिया.इतने पर ही नहीं रुकी आप अप्रैल से लेकर अब तक अवैध खनन में प्रयोग में आने वाली  297 गाड़ियों और ट्रैक्टरों को सीज करवा कर खनन पर रोक लगा दी .

भले ही आपने सरकारी कोष के   राजस्व में वृद्धि करवाई  हो  पर शायद आप भूल गयी कि सरकारों को वही अधिकारी प्रिय होते हैं जो नेताओं के  बैंक बैलेंस  को बढाने में सहायक हों . न कि सरकारी राजस्व  में वृद्धि करवाने वाले ,आखिर आपने तो सरकार और खननं माफिया के मधुर  प्रेम सम्बन्धों के लिए मुसीबत बुला दी ,उनके सरगना नरेंद्र भाटी  से ही दुश्मनी मोल ले ली .

सरकार से ये पूछने की हिम्मत किसकी हो सकती है कि जब  वह धार्मिक स्थल अवैध है तो उसके निर्माण में लगे हुए लोगों को भी बिना पूर्व अनुमति के धार्मिक स्थल के निर्माण और सार्वजनिक भूमि पर अवैध कब्ज़े के मामले में सपा सरकार ने मुकदमा क्यों नहीं किया.?  कैसे कर सकते हैं वो ऐसा आखिर अपने  वोट बैंक  को नाराज करके  अपने पांव पर कुल्हाड़ी मारने का काम.

हाँ आप अपने साथी अधिकारियों पर अधिक विश्वास मत करिए कि वो आपके साथ खड़े हैं दीवार बनकर, और आपके पक्ष में कुछ  करेंगें .ऐसा नहीं होगा,   क्योंकि उनको अपनी कुर्सी की सलामती चाहिए. वैसे भी आपके कुछ साथियों के दम पर ही तो  सरकारें  ऐश करती  हैं और आपके साथी उनकी सरपरस्ती में धनार्जन भी करते हैं और सुरक्षित  मलाईदार स्थानों पर पोस्टिंग  भी पा लेते हैं.

रही बात राजनैतिक दलों की तो वो आपके साथ कैसे हो सकते हैं , सोनिया जी की चिट्ठी की बात  हा हा हा …………………वो तो सब दिखावटी और नाटक है .क्योंकि आपके एक और साथी अपने ऐसे ही कृत्य की सजा पा चुके हैं.आप शायद खेमका जी को नहीं भूली होंगी जो उनके दामाद के विरुद्ध कार्यवाही करने चले थे. वैसे भी अब तो केंद्र सरकार भी आपका साथ देने से मुख मोड़ ही चुकी है क्योंकि केंद्र सरकार के हित नहीं सधेंगें सपा सरकार से बैर मोल लेकर , संसद का सत्र प्रारम्भ हो चुका है.

और .हाँ जनता वो कुछ नहीं करने वाली क्योंकि वो सोयी है और ऐसे कांडों की आदि हो चुकी है.अतः आपको अपनी लड़ाई खुद ही लडनी है

चलिए याद दिलाती हूँ आपको आपके कुछ  साथियों की …….जिनको आप जैसी ही धुन सवार थी और उनको क्या भुगतना पडा

1 अशोक खेमका (हरयाणा): पिछले साल अक्टूबर में सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा और DLF के बीच ज़मीन कि अवैध डील को रद्द किया , बदले में मिला ट्रान्सफर.

2 विकास कुमार (राजस्थान):पिछले साल कि शुरुआत में भरतपुर के अवैध खनन माफिया का भंडाफोड़ किआ. पुलिस जांच पूरी होने वाली थी, तभी ट्रान्सफर किया

3] संजीव चतुर्वेदी (हरियाणा): सात साल कि सर्विस के दौरान कई घोटालों का खुलासा  किया . इसके बदले उनके खिलाफ पांच आपराधिक मामले दर्ज किये गए. उन्होंने सितम्बर 2012 में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर उजागर किये गए घोटालों कि सीबीआई जांच कि मांग की  है.

4 मुग्धा सिन्हा (राजस्थान): स्थानीय माफिया से टक्कर लेने के कारण ट्रान्सफर का दिया गया. इसके खिलाफ स्थानीय लोग उनके समर्थन में आये.

5  दमयन्ति सेन (प. बंगाल): कोलकाता पुलिस क्राइम ब्रांच कि पहली महिला चीफ. इस आईपीएस अधिकारी ने फ़रवरी 2012 में पार्क स्ट्रीट गेंगरेप केस की जांच की. उसमे उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बेनर्जी के दावे को गलत साबित किआ. दो महीने बाद ट्रान्सफर हुआ.

6  समित शर्मा (राजस्थान): इनसे सिर्फ इसलिए हटा दिया गया क्युकी उन्होंने एक कांग्रेस विधायक की बात मानने से इनकार कर दिया. विधायक के कहने के बावजूद उन्होंने एक क्लर्क को नहीं हटाया था. लिहाज़ा डीएम साहब को ही हटा दिया गया.

7  उमाशंकर (तमिलनाडु): ज्योइंट विजिलेंस कमिश्नर रहते हुए मारन बंधुओं के खिलाफ कार्यवाही की. इसके चलते निलंबित किया  गया.
और हाँ अभी अभी ज्ञात हुआ कि जम्मू काश्मीर की वरिष्ठ आई पी एस अधिकारी सोनिया कुमार का एक दम इसलिए ट्रांसफर कर दिया क्योंकि उन्होंने कुछ आकाओं को बिरयानी और कवाब परोसने से से अर्थात बैरे की ड्यूटी करने से इनकार कर दिया.
और हां अभी पढ़ा कि जम्मू काश्मीर की एक वरिष्ठ आई पी एस अधिकारी का भी केवल इसलिए ट्रांसफर कर दिया की उन्होंने नेताओं को बैरा बन कर खाना परोसने से मना कर दिया था.
चलिए भविष्य के लिए सभी प्रशासनिक अधिकारियों को ये शिक्षा तो मिल ही गयी कि सत्ता की चमचा गिरी ही उनकी नौकरी सुरक्षित रख सकती है,.
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